Vidisha बाल एवं कुमार श्रम अधिनियम के तहत कार्यशाला एवं टॉस्क फोर्स समिति की बैठक संपन्न

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बाल एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला एवं टॉस्क फोर्स समिति की बैठक शुक्रवार को आयोजित की गई।

कलेक्टर उमाशंकर भार्गव की अध्यक्षता में आयोजित यह बैठक नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में दोपहर दो बजे से शुरू हुई। बैठक में बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सहायक श्रमायुक्त, स्कूल शिक्षा विभाग, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, विशेष पुलिस इकाई के प्रभारी अधिकारी, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउण्डेशन के जिला समन्वयक, कॉर्डिनेटर चाइल्ड लाइन के संचालक तथा श्रम पदाधिकारी व नोडल अधिकारी मौजूद रहें।

इसी प्रकार बंधक श्रम प्रथा (समाप्ति) अधिनियम के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता समिति की भी बैठक साथ-साथ आयोजित की गई थी।

इस बैठक के सदस्य जिला खनिज अधिकारी एम एस रावत, लीड़ बैंक आफीसर, आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक नरेंद्र अवस्थी, अशासकीय सदस्य नीलेश अग्रवाल, मनोज अहिरवार, श्रीमती प्रिया पंथी, गोवर्धन चौहान भी मौजूद रहें।

दोनो बैठकों में मुख्यतः जिले में बालक और कुमार श्रम के तहत प्रावधानो की जानकारियां समिति के सदस्यों को दी गई साथ ही नवीन संशोधनों की प्रतियां उपलब्ध कराई गई है। निर्धारित आयु वर्ग के बच्चों से काम नहीं कराने के संबंध में भी बिन्दुवार जानकारी दी गई है। स्वंयसेवी संस्थाओं के माध्यम से संपादित किए जाने वाले कार्यो पर भी गहन प्रकाश डाला गया है।

बैठक में बताया गया कि बालक श्रमिक अर्थात जिसने अपनी आयु के 14 वर्ष की आयु पूर्ण नही की है वे बालक श्रमिक माने जाएंगे इस प्रकार की आयु के बच्चो से कार्य नही संपादन कराने के संबंध में जानकारी दी गई। वही कुमार श्रमिक जो 18 वर्ष तक की आयु के है को शामिल किया गया है इन आयु वर्ग के युवाओं से काम के प्रतिदिन छह घंटे अंतराल तीन घंटे के बाद एक घंटे का, ओवर टाइम नहीं, साप्ताहिक अवकाश एक दिन का के अलावा विभिन्न धाराओ के तहत किए गए प्रावधानो की जानकारी दी गई जिसमें उपबंध धाराओ के उल्लघ्ांन करने पर 6 माह से दो वर्ष तक कारावास, जुर्माना 20 हजार रूपए से 50 हजार रूपए तक का अथवा दोनो देय होंगे। अधिनियम के अन्य प्रावधानो के उल्लंघन पर कारावास एक माह का व जुर्माना दस हजार रूपए का, धारा 14(ख) अपराधो का संज्ञेय होने पर प्रावधानो से अवगत कराया गया है। बैठक में जिला मजिस्ट्रेट द्वारा उपबंधो का क्रियान्वयन हेतु निर्धारित नियमों की भी जानकारी दी गई।

बंधक श्रमिक पद्वति के तहत बंधक श्रमिको के पुर्नवास हेतु केन्द्र परिवर्तित योजना की जानकारी दी गई जिसमें पुर्नवास हेतु सहायता राशि वयस्क पुरूष हितग्राहियों को एक लाख रूपए, स्पेशल केडेगरी के हितग्राहियों को दो लाख रूपए, ऐसे श्रमिक जिनका शारीरिक शोषण अथवा मानव तस्करी किया जाता है उन मामलो में तीन लाख रूपए की राशि पुर्नवास सहायता के तहत देय होगी।

कार्पोंस फंड के तहत बंधक श्रमिक पुर्नवास हेतु प्रत्येक जिले में न्यूनतम दस लाख रूपए का प्रावधान कार्पोंस फंड से विमुक्त हुए बंधक श्रमिकों को तात्कालिक सहायता तीस हजार रूपए की देय होगी तथा बंधक श्रमिक नियोजित करने वाले नियोजको के विरूद्व किए गए पेनाल्टी की राशि कार्पोंस फंड में जमा होगी।

बैठक में भारत सरकार से प्राप्त होने वाली सहायता के संबंध में भी जानकारी दी गई जिसमें जागयरूकता अभियान चलाने हेतु दस लाख रूपए, मूल्यांकन अध्ययन हेतु डेढ लाख रूपए तथा बंधक श्रमिको के सर्वेक्षण कराए जाने हेतु साढे चार लाख रूपए की सहायता राशि कलेक्टर के प्रस्तावों पर श्रम विभाग द्वारा जांच पश्चात राशि की मांग हेतु भारत सरकार के श्रम मंत्रालय को प्रस्ताव प्रेषित किए जाते है। बैठक में बाल एवं कुमार श्रम तथा बंधक श्रम प्रथा के संबंध में समिति के सदस्यों द्वारा सारगर्भित सुझावों से अवगत कराया गया