23 अक्टूबर तक चलेगा राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम

स्वास्तिक न्यूज़ पोर्टल @ विदिशा रमाकांत उपाध्याय/

                मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एपी सिंह ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम का आयोजन जारी है जिसमें विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से 01 से 19 वर्ष के बच्चों किशोर, किशोरियों को एल्बेंडाजॉल गोली का सेवन कराया जा रहा है। विगत वर्ष कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए जिले में ‘‘राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम‘‘ का आयोजन समुदाय आधारित गृह भ्रमण रणनीति के माध्यम से किया गया। जिसके अंतर्गत 01 से 19 वर्षीय समस्त हितग्राहियों को कृमिनाशन की दवा (एल्बेंडाजॉल) खिलाई जा रही है, ताकि मिट्टी जनित कृमि संक्रमण की रोकथाम सुनिश्चित हो।

                उल्लेखनीय है कि बच्चों में कृमि संक्रमण व्यकित्गत अस्वच्छता तथा संक्रममित दूषित मिट्टी के सम्पर्क से संभावित होता है, कृमि संक्रमण से बच्चों को शरीर में प्रतिकूल प्रभाव पड़ते है, कृमि होने से बच्चों के शारीरिक, मानसिक विकास में वृद्धि अवरूद्ध हो जाती है, कृमि कई कारणों से बच्चों के पेट में पहुंच सकते है नगे पैर खेलने, बिना हाथ धोये खाना खाने, खुले में शौच करने, साफ सफाई ना रखने से होते है। कृमि होने से खून की कमी (एनीमिया) कुपोषण, भूख न लगना थकान और बेचौनी, पेट में दर्द मिलती, उल्टी और दस्त आना, मल से खून आना, आदि हानिकारक प्रभाव हो सकते है। बच्चों को कृमि नाशक गोली खिलाने से कई तरह के लाभ होते है खून कमी में सुधार आना, बेहतर पोषण स्तर, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ना, स्कूल और आंगनवाड़ी केन्द्रों में उपस्थिति बढ़ना तथा सिखने की क्षमता में सुधार लाने में मदद करती है।