Lateri स्वर्गीय लक्ष्मीकांत शर्मा की स्मृति में आयोजित श्रीरामकथा का राज्याभिषेक व विशाल भंडारे के साथ समापन

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स्वर्गीय लक्ष्मीकांत शर्मा स्मृति लोक कल्याण न्यास व राम कथा आयोजन समिति के तत्वावधान में चल रही नौ दिवसीय रामकथा का समापन श्री राम राज्याभिषेक व विशाल भंडारे के साथ संपन्न हुआ।

कथा व्यास प्रेमभूषण महाराज लटेरी के हनुमान सरोवर स्थित तपोवन भूमि आश्रम तालाब के मेला ग्राउंड पर 24 जनवरी से राम कथा सुना रहे थे, इससे पूरे नगर का माहौल अयोध्यामय हो गया था। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने धर्मलाभ लिया।

समापन पर कथावाचक पं.प्रेमभूषण महाराज ने हनुमानजी और सुग्रीव की रामजी से भेंट, बाली का वध, लंकादहन, मेघनाथ और रावण कुंभकरण के वध सहित कई प्रसंगों का वर्णन किया।

कथा व्यास ने कहा कि भगवान का आगमन तो धरती पर धर्म की रक्षा और असुरों के नाश के लिए ही हुआ है। संपूर्ण सृष्टि में रावण से बड़ा आतंकी कोई नहीं था लेकिन श्री राम जी ने वानर भालुओ का साथ लेकर धर्म की रक्षा के लिए रावण रूपी अधर्म का नाश किया और धर्म की ध्वजा फहराई और पुष्पक विमान में विराज कर भगवान अयोध्या पधारे हैं। जो अयोध्या 14 वर्षों से भगवान की प्रतीक्षा कर रही थी वह रामजी के आगमन की खबर सुनते ही आनंद में डुब उठी। उत्सव और मंगल गान प्रारंभ हो गए बधाइयां बजने लगी।

कथा पंडाल में क्षेत्रीय विद्यायक उमाकांत शर्मा सहित अन्य भक्तों ने कई क्विंटल फूल बरसा कर भगवान श्री राम के राज्याभिषेक का उत्सव मनाया।कथा व्यास ने लटेरी के लोगों के उत्साह को देखकर कहा कि जब जब लटेरी के लोग मुझे बुलाएंगे मैं रामकथा करने जरूर आऊंगा।

पंडाल के पास पूर्व मंत्री स्वर्गीय लक्ष्मीकांत शर्मा के जीवन पर आधारित चित्र प्रदर्शनी और राम दरबार की झांकी भी लगाई गई थी। जिसे देखने भारी भीड़ उमड़ी।

गोवंश की रक्षा के लिए गो शाला का भूमि पूजन पं. प्रेमभूषण महाराज और विधायक उमाकांत शर्मा द्वारा किया गया।

लटेरी के सिरोंज चौराहे पर लक्ष्मीकांत शर्मा की प्रतिमा के लिए भूमि पूजन भी पं. प्रेमभूषण महाराज ने किया। समापन अवसर पर रामजी की आरती में सनकादिक आश्रम आरोन के महंत ईश्वरी, पप्पू महाराज, सिरोंज के ज्योतिषाचार्य पं. नलिनी कांत शर्मा, ओखलीखेड़ा नरसिंह मंदिर के महंत स्वरूप दास महाराज सहित स्थानीय संत, जनप्रतिनिधि, संगठनों के प्रमुख और गणमान्य नागरिकों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। कथावाचक जी को विदाई दी गई इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।