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तहसील स्थित पटवारी सभाकक्ष में सोमवार को एसडीएम रोशन राय की अध्यक्षता व खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रमोद दीवान, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर महेंद्र बाजोरिया की उपस्थिति में खंड स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी की बैठक आयोजित की गई। जिसमें एक वर्ष से 15 वर्ष तक के बच्चों को मार्च-अप्रैल माह में एक डोज जेई वैक्सीन का दिया जाने के टीकाकरण के संबंध में संबंधित विभागों को समन्वय स्थापित कर उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु निर्देशित किया गया है।
एसडीएम रोशन राय ने कहा कि ग्राम वार माइक्रो प्लान बनाकर आपसी समन्वय के साथ कार्यों का संपादन करें। प्रथम चरण में एक वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों को कम्युनिटी में वैक्सीनेशन करना है। द्वितीय चरण में विद्यालयों में 6 से 15 वर्ष तक के समस्त बच्चों को वैक्सीन का डोज दिया जाना है।
एसडीएम रोशन राय ने सभी को निर्देशित किया है कि कार्यक्रम को पूरी गंभीरता से लेते हुए एक वर्ष से 15 वर्ष तक के बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण किया जाए। कोई भी पात्र बच्चा टीकाकरण से वंचित ना रहे यह हम सबका नैतिक दायित्व है। इसका सूक्ष्म माइक्रो प्लान तैयार कर सभी ग्रामों में पूर्व से ही सूचना दे दी जाए। कार्यक्रम की प्रतिदिन रिपोर्टिंग की जाकर उक्त रिपोर्ट जिला मुख्यालय को प्रतिदिन भेजी जाना सुनिश्चित करें।
बीपीएम कपिल जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि जेई जापानी इंसेफेलाइटिस एक जापानी बुखार या दिमागी बुखार है जो लाइलाज बीमारी है। केवल वैक्सीन ही इसका सुरक्षा कवच है। जिसमें तेज बुखार के साथ गर्दन में अकड़न, मस्तिक ज्वर, जी मिचलाना, उल्टी होना, बेहोशी आदि के लक्षण पाए जाते हैं। इसके वायरस रुके हुए गंदे पानी में पल रहे क्यू लेक्स मच्छरों के द्वारा उस पानी के संपर्क में आने वाले पक्षी एवं जानवरों जैसे कि सूअर एवं पक्षियों के द्वारा मनुष्यों में फैलती है। जब मच्छर संक्रमित जानवरों को पक्षियों को काटकर स्वस्थ मनुष्य को काटता है तो इसके वायरस स्वस्थ मनुष्य को रोगी कर देता है एवं जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
बैठक में बीईओ, बीआरसी कपिल तिवारी, सीआरसी, जन शिक्षक, संकुल प्राचार्य, निजी स्कूलों के नोडल शिक्षक सहित अन्य विभागों के लोग मौजूद थे।