Narmadapuram प्रदेश में 19 से 23 अगस्त तक पुनः अधिक वर्षा की संभावना, मुख्यमंत्री ने की राज्यस्तरीय समीक्षा

भारी वर्षा के कारण निर्मित परिस्थितियाँ नियंत्रण में – मुख्यमंत्री श्री चौहान
टीम मध्यप्रदेश ने वैज्ञानिक तरीके से आपदा प्रबंधन कर जलप्लावन की स्थिति को रोका
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने को दें सर्वोच्च प्राथमिकता
आपदा प्रबंधन में जन-प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए
वर्षा, बांधों से पानी छोड़ने, बाढ़ की स्थिति के संबंध में सोशल मीडिया पर दी जानकारी
बांधों, तालाबों और जल-संरचनाओं का प्रतिदिन कराएँ निरीक्षण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में अतिवृष्टि से निर्मित स्थिति की समीक्षा की
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नर्मदापुरम से वर्चुअली की राज्य स्तरीय समीक्षा

स्वास्तिक न्यूज़ पोर्टल @ नर्मदापुरम मध्यप्रदेश रमाकांत उपाध्याय / 9893909059

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में भारी वर्षा के कारण जो परिस्थितियाँ निर्मित हो गई थी, उन्हें बेहतर प्रबंधन के आधार पर नियंत्रित कर लिया गया है। जनता की जिन्दगी की सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश में जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें सजग हैं तथा स्थिति पर नियंत्रण रखे हुए हैं। सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी की तिथि आगामी दो या तीन दिन में है, उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता पर अस्पतालों और सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान नर्मदापुरम के एनआईसी से प्रदेश के जिलों से अतिवृष्टि और बाढ़ नियंत्रण के संबंध में वर्चुअली चर्चा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार आगामी 19 से 23 अगस्त के मध्य भी अधिक वर्षा की संभावना है। नर्मदापुरम में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री सीताशरण शर्मा उपस्थित थे। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट बैठक से वुर्चअली जुड़े। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव जल संसाधन एस.एन. मिश्रा मंत्रालय भोपाल से बैठक में वर्चुअली शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विदिशा, सीहोर, बालाघाट, नर्मदापुरम, रायसेन, भोपाल, राजगढ़ और नरसिंहपुर जिले के कलेक्टरों से जिले में अतिवृष्टि के संबंध में जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि टीम मध्यप्रदेश वैज्ञानिक तरीके से आपदा प्रबंधन में दक्ष है। इसका उदाहरण, कारम डेम आपदा के प्रबंधन से स्पष्ट हुआ है। बेहतर प्रबंधन के परिणामस्वरूप भयावह स्थिति नहीं बन पायी और हम जनहानि के साथ पशुओं को भी बचाने में सफल रहे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अतिवृष्टि के परिणामस्वरूप बाढ़ नियंत्रण और जल निकासी व्यवस्था में लगे जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास, मौसम विभाग, जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को बधाई दी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यदि बरगी, बारना, तवा और कोलार का पानी एक साथ छूटता है तो जल-प्लावन की स्थिति बन सकती थी। बुद्धिमता के साथ वैज्ञानिक आपदा प्रबंधन करते हुए क्रमबद्ध रूप से बांधों से जल निकासी का प्रबंधन किया गया। जब तवा और बारना बांधों के गेट खुले थे तो बरगी बंद था। बरगी के गेट खुले तो तवा और बारना के गेट बंद होंगे। इस वैज्ञानिक प्रबंधन के परिणामस्वरूप क्षेत्र को गंभीर स्थिति से बचाने में सफलता मिली है। हमें यह वैज्ञानिक आपदा प्रबंधन निरंतर करते रहना होगा। इससे आपदा प्रबंधन में मध्यप्रदेश देश में उदाहरण प्रस्तुत करेगा। बांधों में 80 प्रतिशत जल भंडारण का निर्णय लिया गया है, 20 प्रतिशत की गुंजाइश छोड़ी गई है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जिलों द्वारा की गई व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि डूब में आने वाले संभावित स्थानों से लोगों को ऊँचे स्थानों पर शिफ्ट किया गया। नर्मदापुरम में राहत शिविर के निरीक्षण के बाद वहाँ की व्यवस्था पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संतोष व्यक्त किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी जिलों में राहत शिविरों की व्यवस्था रखी जाए। साथ ही पशुओं की सुरक्षा के लिए भी जिला प्रशासन संवदेनशीलता के साथ कार्य करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आपदा प्रबंधन में जन-प्रतिनिधियों तथा नवनिर्वाचित पंचायत और नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर उनका सहयोग लिया जाए। सोशल मीडिया और जनसंचार के अन्य माध्यमों से अतिवृष्टि तथा बाढ़ की स्थितियों को जनता के साथ साझा किया जाए। इससे जन-सामान्य को सतर्क करने और उनके द्वारा आवश्यक सावधानियाँ बरतने में सहायता मिलेगी। आपदा प्रबंधन में आदर्श समन्वय आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जिलों को अपना सूचना तंत्र मजबूत रखने के निर्देश भी दिए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जिला प्रशासन को अपने क्षेत्र के सभी बांध, तालाब और जल-संरचनाओं का परीक्षण कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि लगातार हो रही वर्षा और आगामी दिनों में भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए तकनीकी अमले के साथ जल-संरचनाओं का निरीक्षण और उनमें सीपेज आदि की संभावना पर नजर रखी जाए। आगामी कुछ दिनों तक प्रतिदिन बांधों की मॉनीटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करें। मौसम के पूर्वानुमान सदैव सटीक नहीं होते, अतरू तैयारी आवश्यक है। जिलों के पास पानी डिस्चार्ज का आंकलन पूर्व से ही है। तदनुसार सभी विभाग परस्पर समन्वय कर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। जिला प्रशासन बाढ़ राहत के लिए राशन, दवाएँ, नाव, मोटरबोट, गोताखोर, बचाव दल, राहत शिविर, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों को तैयार रखें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अतिवृष्टि के प्रबंधन और राहत के लिए सूक्ष्मतम बिन्दुओं पर ध्यान देते हुए विस्तृत कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिए।

विदिशा की जानकारी प्राप्त कर प्रशंसा जताई

ख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से विदिशा जिले में अतिवृष्टि से निर्मित स्थिति के संबंध में जानकारी ही नही प्राप्त की बल्कि जिले में किए गए प्रबंधो के प्रति प्रशंसा जाहिर की है।

कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि बेतवा एवं सहायक नदियों में उफान होने से 19 गांव के लोग प्रभावित हुए है। 450 से अधिक लोगो को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानो पर लाया गया है। जिले के सभी जलाश्यों में अधिक जलभराव होने के कारण बांधो के गेट खोले गए है इस कारण से बेतवा सहित अन्य सहायक नदियों का जल स्तर बढने से निचली बस्तियों में जलभराव होने लगा है बचाव के कार्य युद्धगति से क्रियान्वित किए जा रहे है। प्रदेश स्तर से एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की कंपनियां बुलाई गई है जिले में कहीं भी जनहानि नहीं हुई है। सभी बाढ प्रभावितों को सुरक्षित स्थानो पर पहुंचाने का कार्य सभी के सहयोग से संपादित किया गया है।
विदिशा एनआईसी के व्हीसी कक्ष में इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ मोनिका शुक्ला, जिला पंचायत सीईओ डॉ योगेश भरसट, अपर कलेक्टर वृदांवन सिंह के अलावा अन्य विभागो के अधिकारी मौजूद रहें। 

बाढ प्रभावितों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया

विदिशा जिले में विगत दो दिनों से हो रही अनवरत वर्षा से बाढ जैसी स्थिति निर्मित होने पर प्रभावितों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाने का कार्य युद्वगति से जिले में क्रियान्वित किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार की प्रातः कलेक्टर से चर्चा कर विदिशा जिले में नदियों के बढ रहे जल स्तर पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए निर्देश दिए थे कि जान माल की हानि कहीं ना हो लोगो को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानो पर पहुंचाने का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से किया जाए।
कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने बताया कि विदिशा जिले में बेतवा एवं उनकी सहायक नदियों का पानी कम नहीं होने के कारण 19 गांव प्रभावित हुए है। 450 से अधिक लोगो को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानो पर लाया गया है। जिले के बांधो में जलभराव पूर्ण होने के कारण उनके गेट खोले जाने से अनेक निचले क्षेत्रों में जलमग्न की स्थिति निर्मित हुई है। ऐसे समय सभी नागरिकों सहित अन्य सभी प्रकार की सुरक्षा प्रबंधो का क्रियान्वयन किया गया हैं उन्होंने बताया कि करारिया क्षेत्र में जलभराव के कारण गर्भवती महिला की डिलेवरी अगले दो तीन दिन में ड्यू थी उन्हे दर्द शुरू होने की जानकारी प्राप्त होने पर होमगार्ड के जवानो के सहयोग से कमर तक पानी में से सुरक्षात्मक रूप से निकालकर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराने का कार्य किया गया है।
कलेक्टर श्री भार्गव ने बताया कि विदिशा शहर के अलावा लटेरी तहसील के ग्राम बैरागढ़ में टैम नदी से 12 लोगो को सुरक्षित निकाला गया है नटेरन तहसील के ग्राम पमारिया में संजय सागर डेम के केचमेंट एरिया में पानी आ जाने से 32 लोगो को सुरक्षित निकाला गया है वही बासौदा में पराशरी नदी से 17 लोगो को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया है। गुलाबगंज तहसील के ग्राम बर्री में होमगार्ड के जवानो ने 6 लोगो को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानो पर पहुंचाया है।
बाढ जैसी स्थिति पर चहुंओर नजर रखने के लिए प्रशासन द्वारा व्यापक प्रबंध सुनिश्चित किए गए थे सभी बाढ प्रभावित क्षेत्रों में संचार संसाधनो के माध्यम से जीवंत सम्पर्क बनाया रखा गया था वहीं आवश्यकतानुसार मोटर बोट, सुरक्षा दस्ता की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई थी। जिले में जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों सहित अन्य के द्वारा बाढ की इस विषम परिस्थिति में परस्पर सहयोग कर पीड़ितों की मदद की है।

विद्यार्थियों के लिए आज शासकीय अवकाश घोषित
कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने विदिशा जिले में जारी अनवरत अतिवर्षा को ध्यानगत रखते हुए जिले के समस्त शासकीय, अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत केवल कक्षा एक से कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए बुधवार 17 अगस्त का अवकाश घोषित किया है। क्रमांक 102
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नदी में बही महिला की जान बचाने वालों को कलेक्टर, एसपी ने किया सम्मानित
पड़रिया गांव निवासी श्रीमती सोनम दांगी पत्नी श्री कल्याण सिंह दांगी पिछले दिनों मोटरसाइकिल फिसल जाने के चलते पुल से नदी में गिर गई थी, जिससे वह काफी दूर बह गई थीं। स्थानीय लोगों की मदद से उक्त महिला की जान बचाई गई थी। कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव एवं पुलिस अधीक्षक डॉ मोनिका शुक्ला ने आज महिला की जान बचाने वाले ग्राम खिरिया निवासी श्री जसवंत सिंह केवट, श्री पूरण सिंह केवट एवं श्री बृजेश केवट को प्रमाण पत्र प्रदाय कर सम्मानित किया गया है और उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्य की सराहना की है।
गौरतलब हो कि श्रीमती सोनम दांगी अपने भाई के साथ शुक्रवार 11 अगस्त को ग्राम पड़रिया जा रही थीं। इस दौरान वह बेतवा नदी बर्रीघाट पुल से मोटरसाइकिल फिसल जाने से बेतवा नदी में गिर गईं और नदी के बहाव में बह गई थीं। इसके उपरांत होमगार्ड की रेस्क्यू टीम ने उन्हें रेस्क्यू किया था लेकिन होमगार्ड की मोटर वोट भी पलट गई थी। जिसके चलते वह दोबारा पानी में बह गई थीं फिर खिरिया ग्राम निवासी आम नागरिकों ने महिला की जान बचाई थी।