Morena मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर ने किया कृषि मेला एवं प्रदर्शनी का शुभारंभ

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• 103 अमृत सरोवर लोकार्पित, संजीवनी क्लिनिकों का शिलान्यास व स्टेडियम में भूमिपूजन
• श्री तोमर की पहल पर 539 करोड़ रु. की चेंटीखेड़ा परियोजना सहित सिंचाई व पेयजल की सौगातें
• किसानों के खेतों में पानी के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी- मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान
• गांवों का विकास और खेती को लाभकारी बनाना मुख्य उद्देश्य- कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा मध्य प्रदेश शासन एवं जिला प्रशासन के सहयोग से मुरैना में आयोजित 3 दिनी वृहद कृषि मेला एवं प्रदर्शनी का शुभारंभ आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तथा क्षेत्रीय सांसद नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में किया। इस अवसर पर चंबल-ग्वालियर अंचल के हजारों किसानों की मौजूदगी में 103 अमृत सरोवरों का लोकार्पण, मुख्यमंत्री संजीवनी केंद्रों का शिलान्यास, स्टेडियम में इंडोर-आउटडोर सभी सुविधाओं के लिए 10 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न कार्यों का भूमिपूजन किया गया। डा. भीमराव आंबेडकर स्टेडियम में दिनभर विभिन्न प्रशिक्षण-सत्रों का आंगतुक किसानों ने लाभ लिया। 12 व 13 नवंबर को भी कई प्रशिक्षण-सत्र होंगे। वृहद मेले में मुरैना के साथ ही श्योपुर, ग्वालियर, भिंड, शिवपुरी, दतिया व आसपास के किसान बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं।


शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केंद्रीय मंत्री व क्षेत्रीय सांसद श्री तोमर को धन्यवाद दिया कि उन्होंने किसानों का यह महायज्ञ मुरैना में आयोजित किया, जिससे चंबल-ग्वालियर अंचल के हजारों किसानों को लाभ होगा। कार्यक्रम में म.प्र. के मंत्री व मुरैना जिले के प्रभारी मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने भी संबोधित किया। केंद्रीय कृषि सचिव मनोज अहूजा ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर कन्या पूजन किया गया तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में मेरी पालिसी-मेरे हाथ अभियान के तहत किसान हितग्राहियों को पालिसी दी गई। साथ ही, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 2 करोड़ रु. का बैंक लोन का चेक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी- पोरसा क्राप को सर्टिफिकेट आफ इन्कार्पोरेशन प्रदान किया गया।इस मौके पर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर सहित अनेक जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का संकल्प है कि किसानों की आय दोगुनी करना है लेकिन यह केवल नारे से पूरा नहीं होगा, बल्कि इसके लिए उपाय करने पड़ेंगे जो कि केंद्र व राज्य सरकार कर रही है। उन्होंने बताया कि म.प्र. में उनकी सरकार के कार्यकाल में सिंचाई अब 45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो रही है, जबकि पहले साढ़े 7 लाख हे. में ही सिंचाई सुविधा उपलब्ध थी।

श्री चौहान ने बताया कि म.प्र. सरकार ने इस अंचल में और भी सिंचाई योजनाएं प्रारंभ करने के साथ ही नहरों को पक्की करके तथा अन्य प्रोजेक्ट्स के माध्यम से मुरैना से लेकर भिंड के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने श्री तोमर द्वारा भोपाल जाकर उनसे किए गए अनुरोध को स्वीकार करते हुए कहा कि 539 करोड़ रु. की लागत से चेंटीखेड़ा वृहद सिंचाई परियोजना को राज्य सरकार स्वीकृत करने जा रही है, जिससे श्योपुर जिले के विजयपुर व मुरैना जिले के सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के करीब 58 गांवों की 15300 हे. भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। यह परियोजना ग्राम चेंटीखेड़ी के समीप कुंवारी नदी पर प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा टंटोली, बिजरौली, महेश्वरा, रिठाला व गुडाला स्टाप डेम एवं नवलपुरा, गोदावली व बरघना तालाब तथा बड़ौदा, पातालगढ़, पार्वती डेम, मूंजरी, सनघटा, बघेलरानी, कटेकरा, हरजनबसई, रानी बृंगवा, कनावर आदि सिंचाई योजनाओं पर भी काम करके किसानों के खेतों में पानी देने में म.प्र. सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी, ताकि किसानों की आय बढ़ सकें। सरकार का उद्देश्य उत्पादन बढ़ाने के साथ खेती में लागत घटाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि म.प्र. सरकार किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देने का काम कर रही है, जिससे उनकी लागत घटेगी। श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तय किया और किसानों को पीएम-किसान सम्मान निधि के अंतर्गत हर साल 6-6 हजार रु. 3 किस्तों में सीधे उनके बैंक खातों में दिए जा रहे हैं, जिसमें म.प्र. सरकार अपनी ओर से 4-4 हजार रु. अतिरिक्त दे रही है, यह छोटे किसानों के लिए बड़ी बात होती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के निर्णय के कारण अब समर्थन मूल्य पर गेहूं 2125 रु. प्रति क्विंटल के भाव से खरीदा जाएगा, जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। साथ ही, बताया कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में फसलें खराब होने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है, म.प्र. में इस स्कीम में 7618 करोड़ रु. किसानों के खाते में दिए गए हैं। कुल मिलाकर, म.प्र. में 80 लाख किसानों के खातों में 2.12 लाख करोड़ रु. सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के जमा कराए गए हैं, जो किसी चमत्कार से कम नहीं है।
चौहान ने कहा कि प्राकृतिक खेती लाभकारी है, जिसका प्रयोग किसानों को करना चाहिए, वहीं उन्होंने कहा कि नरवाई पराली काटकर भूसा बनाने के लिए मशीन खरीदने हेतु छोटे किसानों को 50 प्रतिशत राशि म.प्र. सरकार देगी। इसमें बड़े किसानों को 40 प्रतिशत सहायता राशि दी जाएगी। इससे खेत में पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वहीं नौजवानों को रोजगार भी मिल जाएगा। कस्टम हायरिंग सेंटर से किराये पर भी मशीनें दी जाएगी। नौजवानों के लिए, सामग्री प्रदाय केंद्रों से राशन की दुकानों तक सामग्री ले जाने के लिए गाड़ियां फाइनेंस कराई जाएगी, जिससे उन्हें लगभग 1.20 लाख रु. किराया हर महीने मिलेगा। केंद्र व राज्य सरकार कई तरह के नवाचार कर रहे हैं। इसी के तहत अब खेंचू (हैंडपंप) से नहीं, बल्कि हर गांव में पाइप लाइन बिछाकर टोटियां लगाकर स्वच्छ पेयजल दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री श्री तोमर की तारीफ करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में इस क्षेत्र में विकास के नए प्रतिमान गढ़े गए है और किसानों को निरंतर लाभ हो रहा है।

समारोह में केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी चाहते हैं कि गांवों का विकास हो, खेती लाभकारी बनें और किसानों के जीवन स्तर में बदलाव आएं। इसी दृष्टि से फसल बीमा का सुरक्षा कवच, – पीएम किसान सम्मान निधि, के माध्यम से करोड़ों किसानों को 2.16 लाख करोड़ रु. सीधे उनके बैंक खातों में जमा कराना, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से 18 लाख करोड़ रु. का अल्पकालिक ऋण, एक लाख करोड़ रु. का एग्री फंड जैसे अनेक ठोस कदम प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उठाए गए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी का मानना है कि गांव बढ़ेगा तो देश बढ़ेगा और किसानों की माली हालत सुधरेगी तो संपूर्ण देश की आर्थिक हालत सुधरेगी। इस मनोयोग को लेकर पीएम श्री मोदी व सीएम श्री चौहान बहुत ही शिद्दत के साथ देश व प्रदेश में काम कर रहे हैं, जिसका लाभ सभी को मिल रहा है। श्री तोमर ने मुख्यमंत्री श्री चौहान की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने म.प्र. को बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकालकर विकास की राह पर तेजी के साथ आगे बढ़ाया है। म.प्र. के विकास के लिए आज केंद्र व राज्य सरकार मिलकर काम रही है, जिसका यह कृषि मेला-प्रदर्शनी अपने-आप में एक उदाहरण है।