Home Guard : कॉल ऑफ संबंधी विसंगति को दूर करें – गृह मंत्री

होमगार्ड कल्याण संबंधी बैठक मंत्रालय में हुई आयोजित

स्वास्तिक न्यूज़ पोर्टल @ भोपाल रमाकांत उपाध्याय/ 

विभाग के डाइंग कैडर के पुनर्जीवन के लिये सभी आवश्यक कार्यवाही करने के साथ ही कॉल ऑफ संबंधी विसंगति को दूर करें। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने होमगार्ड कल्याण के लिये आला अधिकारियों के साथ मंत्रालय में बैठक कर उक्त निर्देश दिये। बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, डीजी होमगार्ड पवन कुमार जैन, एडीजी  अशोक अवस्थी, एडीजी होमगार्ड  वेदप्रकाश गुप्ता, सचिव गृह  रवीन्द्र सिंह एवं जी. श्रीनिवास वर्मा सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने बैठक में निर्देशित किया कि होमगार्ड के जवान पूर्ण मुस्तैदी और कर्त्तव्यपरायणता के साथ विषम परिस्थिति में कार्य कर रहे हैं। उन्हें शासन स्तर से सभी बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने के प्रयास किये जायें। वर्ष 2016 के पहले और बाद के होमगार्ड जवानों की भर्ती की विसंगति को दूर करने की कार्यवाही तत्काल करें। सभी जवानों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करना सुनिश्चित करें।

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा है कि होमगार्ड के डाइंग कैडर संबंधी निर्णय का पुनरीक्षण करने की सभी आवश्यक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें। बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि आपदा प्रबंधन में होमगार्ड के जवानों की प्राथमिक तौर पर बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। उनकी भूमिका को दृष्टिगत रखते हुए कॉडर को नियमित करने संबंधी कार्यवाही करना जरूरी है, जिससे कि वे और अधिक मुस्तैदी से कार्य कर सकें। वर्तमान में विभिन्न मोर्चों पर फोर्स की आवश्यकता महसूस की जाती रही है। ऐसी स्थिति में होमगार्ड के जवानों को प्रशिक्षित कर पुलिस के जवानों के समान कार्य लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन के लिये अभी प्रदेश में एसडीईआरएफ के पास मात्र 550 का ही फोर्स है। प्रदेश को लगभग 3500 के फोर्स की आवश्यकता है।

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने प्रदेश में एसडीईआरएफ के लिये प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने के लिये केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजने के लिये निर्देशित किया। बैठक में महानिदेशक होमगार्ड एवं सुधारात्मक सेवाएँ श्री पवन कुमार जैन ने बताया कि जबलपुर के मंगेली में विभाग के पास उपलब्ध भूमि में प्रशिक्षण का बेहतर केन्द्र बनाया जा सकता है। इससे आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में जवानों को प्रशिक्षित कर कौशल उन्नयन किया जा सकता है। प्रशिक्षण केन्द्र के बन जाने से एनडीईआरएफ के जवानों की तरह ही एसडीईआरएफ के जवानों को भी प्रशिक्षित किया जा सकेगा।