प्रदेश में 163 ऑक्सीजन प्लांट हुए क्रियाशील- CM

प्रतिदिन 182 मी.टन ऑक्सीजन का उत्पादन, 9145 रोगियों को 10 लीटर प्रति मिनट की दर से मिल सकेगी ऑक्सीजन

स्वास्तिक न्यूज़ पोर्टल @ भोपाल रमाकांत उपाध्याय/ 

मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की स्थानीय उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न चिकित्सालय में 163 ऑक्सीजन प्लांट्स स्थापित किये जा चुके हैं। इन प्लांटस की प्रतिदिन 182 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता है। इससे आवश्यकता पड़ने पर 9145 रोगियों को 10 लीटर प्रति मिनट की दर से ऑक्सीजन प्रदाय की जाकर उपचारित किया जा सकेगा। प्रदेश में पीएम केयर फंड एवं राज्य शासन के अथक प्रयासों से 202 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स की स्थापना का कार्य कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी को महसूस कर प्रारंभ किया गया था। शेष 39 ऑक्सीजन प्लांट्स की स्थापना इसी माह सुनिश्चित कर ली जाएगी।

ऑक्सीजन में म.प्र. बन रहा है आत्म-निर्भर

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिये गये सहयोग से मध्यप्रदेश ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनाने की ओर अग्रसर है। कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए अन्य राज्यों से ऑक्सीजन आयात की गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की स्थानीय व्यवस्था के लिए प्लांटस स्थापना के शासकीय चिकित्सालयों में अतिरिक्त रूप से 30 हजार 291 ऑक्सीजन सिलिन्डर की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने बताया कि मार्च 2020 की स्थिति में प्रदेश के किसी भी शासकीय चिकित्सालय में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट उपलब्ध नहीं थे। आज की स्थिति में 163 ऑक्सीजन प्लांटस प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रांरभ हो चुके है। शेष प्लांटस भी शीघ्र स्थापित कर लिए जाएंगे। इन सभी 202 प्लांटस से प्रतिदिन लगभग 230 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन जनरेट हो सकेगी।

प्रदेश में पीएम केयर फंड से 88, मुख्यमंत्री राहत कोष से 13 एवं अन्य विभिन्न माध्यम जैसे स्वास्थ्य विभाग, CSR एवं स्थानीय प्रयासों से 101 ऑक्सीजन प्लांट्स स्थापित करने का काम गत मई माह से शुरू किया गया। आज मध्यप्रदेश 163 ऑक्सीजन प्लांटस स्थापित कर आत्म-निर्भरता की ओर अग्रसर हो रहा है।

ऑक्सीजन भंडारण सुविधा

प्रदेश के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्तमान में 360 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन के भंडारण की सुविधा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के 34 जिला चिकित्सालयों में 6 किलो लीटर की क्षमता के लिक्विड ऑक्सीजन के टैंक (कुल 248 मीट्रिक टन) की स्थापना की जा रही है। शासकीय चिकित्सालय में 13 हजार 956, चिकित्सालय महविद्यालयों में 1350 ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा भारत सरकार ने भी पूर्व में दिए ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर के अतिरिक्त 3860 कॉन्सनट्रेटर का आबंटन और किया गया है।

आईसीयू , एचडीयू, ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स

स्वास्थ्य विभाग के अधीन स्वास्थ्य संस्थाओं में जून 2021 तक 11 हजार 156 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स उपलब्ध थे। राज्य शासन द्वारा 3099 अतिरिक्त बेड्स को ऑक्सीजन सपॉर्टिड बेड्स में परिवर्तित करने की स्वीकृति दी, जिसमें लगभग 2000 बेड्स क्रियाशील किए जा चुके हैं, शेष बेड्स इस माह पूर्ण कर क्रियाशील हो जाएंगे। इस माह के अंत तक लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन स्वास्थ्य संस्थाओं में 14 हजार 255 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स उपलब्ध हो जाएंगे।

प्रदेश के समस्त जिलों में जून 2021 की स्थिति में कुल 785 आईसीयू, एचडीयू बेड्स मय वेन्टिलेटर क्रियाशील थे। कुल 41 स्वास्थ्य संस्थाओं में 650 नवीन आईसीयू, एचडीयू बेड्स स्वीकृत किए गए जिनमें से 200 आईसीयू, एचडीयू बेड्स का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। शेष आईसीयू, एचडीयू बेड्स का निर्माण अंतिम चरण में है। इस प्रकार अब स्वास्थ्य संस्थाओं में 1435 आईसीयू, एचडीयू बेड्स रोगियों के उपचार हेतु उपलब्ध हो जाएंगे।

जिला चिकित्सालयों में उपलब्ध 210 पीडीयाट्रिक आईसीयू बेड्स के अतिरिक्त नवीन 310 पीडीऐट्रिक आईसीयू बेड्स की स्वीकृति दी गई। इनमें से 100 का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। शेष का निर्माण अंतिम चरण में है। इस माह के अंत में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन आने वाली स्वास्थ्य संस्थाओं में 520 पीडीयाट्रिक आईसीयू बेड्स एवं 992 पीडीयाट्रिक ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स शिशुओं के उपचार हेतु उपलब्ध हो जाएंगे।