गोपाष्टमी से प्रतिदिन गौग्रास के लिये निकाले 10 रुपये – स्वामी

स्वास्तिक न्यूज़ पोर्टल @ भोपाल रमाकांत उपाध्याय/

मध्यप्रदेश गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद ने आगामी गोपाष्टमी (12 नवम्बर) से गौग्रास के निमित्त रोज 10 रुपये अपनी गुल्लक में जमा करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगली गोपाष्टमी पर यह राशि 3650 रुपये निकट की गौ-शाला में दान करें! यदि प्रदेश के एक करोड़ नागरिक भी इसमें सहयोग करते हैं, तो प्रतिवर्ष 3650 करोड़ की राशि गौ-शालाओं को मिलेगी। उन्होंने कर्मचारियों और जन-प्रतिनिधियों से भी एक दिन का वेतन साल में एक बार गोपाष्टमी के दिन गौ-शाला को दान करने का आग्रह किया। इससे गौ-शालाएँ 3 वर्ष में आत्म-निर्भर हो जायेंगी। बेसहारा गौ वंश की बेहतर देखभाल के साथ इनके कारण सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाएँ भी समाप्त होंगी और भारत की गौग्रास की पवित्र परम्परा लुप्त और सुप्त नहीं होगी।

स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कहा कि पिछले 4 सालों में राज्य शासन द्वारा 900 करोड़ रुपये से गौ-शालाओं का निर्माण किया गया है। प्रदेश में कुल 1728 गौ-शालाएँ संचालित हैं, जिसमें 2 लाख 39 हजार बेसहारा गौ वंश का संरक्षण किया जा रहा है। लेकिन शासन के इन प्रयासों में जन-सहयोग और जन-भागीदारी की नितांत आवश्यकता है।

देश में गौ वंश घटा पर मध्यप्रदेश में बढ़ोत्तरी

स्वामी अखिलेश्वरानंद ने बताया कि मध्यप्रदेश देश में सर्वाधिक गौ वंश और गौ-शालाओं वाला प्रदेश है। देश में गौ वंश घटने के बावजूद मध्यप्रदेश में बढ़ोत्तरी हुई है। देश का 20 प्रतिशत गौ वंश मध्यप्रदेश में है। देश का सर्वाधिक वन क्षेत्र मध्यप्रदेश में होने से इसका लाभ भी गौ वंश को मिलता है।

विकसित होंगे गौवंश वन्य विहार

बोर्ड द्वारा जंगलों के पास गौवंश वन्य विहार विकसित किये जा रहे हैं। गौ वंश को जंगल से आहार और वन को गोबर से खाद मिलने की प्रकृति द्वारा की गई एक व्यवस्था है। रीवा जिले के बसावन मामा क्षेत्र में 5 पंचायतों को मिलाकर 51 एकड़ क्षेत्र में गौ वंश वन्य विहार विकसित किया गया है, जिसमें 4 हजार गौ वंश हैं। जबलपुर जिले के गंगईवीर में 10 हजार गौ वंश के लिये वन्य विहार विकसित किया जा रहा है। दमोह जिले में भी 4 हजार गौ वंश की क्षमता वाला वन्य विहार विकसित किया जा रहा है। आगामी 12 नवम्बर को सागर विश्वविद्यालय में कामधेनु पीठ की भी स्थापना की जा रही है। आगर-मालवा के सुसनेर में 400 एकड़ में कामधेनु अभयारण्य विकसित किया गया है, जिसमें वर्तमान में 3400 बेसहारा, वृद्ध और बीमार गायों की देखभाल की जा रही है।

गौ-शाला दान राशि आयकर मुक्त

उद्योगपतियों और सम्पन्न लोगों से गौ-शालाओं के लिये बड़ी दान राशि की अपील करते हुए स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कहा कि यह राशि आयकर से मुक्त है। बोर्ड की वेबसाइट www.gopalanboard.mp.gov.in/ पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध है।

मध्यप्रदेश में गौ हत्या संज्ञेय अपराध

मध्यप्रदेश गो पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि मध्यप्रदेश में गौ हत्या संज्ञेय अपराध है। यहाँ आरोप सिद्ध होने पर सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि गाय राष्ट्र माता ही नहीं, बल्कि गाय विश्व के प्राणी मात्र की माता है।

देशी गायों का दूध होता है स्वास्थ्यवर्द्धक

स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कहा कि मध्यप्रदेश में 4 प्रजाति का देशी गौ वंश पाया जाता है, जिनका दूध गिर गाय की तरह ही स्वर्णयुक्त एवं उच्च गुणवत्ता वाला है। देशी गाय के दूध में सभी पोषक तत्व पाये जाते हैं, जबकि विदेशी गाय के दूध में वैज्ञानिकों ने विषैले तत्वों की भी उपस्थिति पाई है। संचालक पशुपालन एवं डेयरी विकास आर.के. मेहिया भी उपस्थित थे।